हर मंज़र के अंदर भी इक मंज़र है By Sher << सरहद-ए-जाँ तलक क़लम-रौ दि... जब से आया है वो मुखड़ा नज... >> हर मंज़र के अंदर भी इक मंज़र है देखने वाला भी तो हो तय्यार मुझे Share on: