हर नया ज़ाइक़ा छोड़ा है जो औरों के लिए By Sher << अब तो आराम करें सोचती आँख... बहुत अच्छा हुआ आँसू न निक... >> हर नया ज़ाइक़ा छोड़ा है जो औरों के लिए पहले अपने लिए ईजाद भी ख़ुद मैं ने किया Share on: