हर संग में शरार है तेरे ज़ुहूर का By Sher << फ़लक का थाल ही हम ने उलट ... यूँ ही आँखों में आ गए आँस... >> हर संग में शरार है तेरे ज़ुहूर का मूसा नहीं जो सैर करूँ कोह तूर का Share on: