हर शख़्स दौड़ता है यहाँ भीड़ की तरफ़ By Sher << जो तू नहीं है तो ये मुकम्... कहाँ मिलेगी भला इस सितमगर... >> हर शख़्स दौड़ता है यहाँ भीड़ की तरफ़ फिर ये भी चाहता है उसे रास्ता मिले Share on: