हर शय लम्हे की मेहमाँ है क्या गुल क्या ख़ुशबू By Sher << वो क्या गया कि हर इक शख़्... बात तेरी सुनी नहीं मैं ने >> हर शय लम्हे की मेहमाँ है क्या गुल क्या ख़ुशबू क्या मय क्या नश्शा-ए-आईना क्या आईना-रू Share on: