हर तरफ़ हश्र में झंकार है ज़ंजीरों की By Sher << वो किसी को याद कर के मुस्... ये अपना अपना मुक़द्दर है ... >> हर तरफ़ हश्र में झंकार है ज़ंजीरों की उन की ज़ुल्फ़ों के गिरफ़्तार चले आते हैं Share on: