हर-चंद तुझे सब्र नहीं दर्द व-लेकिन By सब्र, रुस्वाई, Sher << हो गया मेहमाँ-सरा-ए-कसरत-... हमें तो बाग़ तुझ बिन ख़ान... >> हर-चंद तुझे सब्र नहीं दर्द व-लेकिन इतना भी न मिलियो कि वो बदनाम बहुत हो Share on: