हर्फ़-ओ-बयाँ, नज़ारे, सितारे, दिल ओ नज़र By Sher << नाक़ूस से ग़रज़ है न मतलब... वो भरी बज़्म में कहती है ... >> हर्फ़-ओ-बयाँ, नज़ारे, सितारे, दिल ओ नज़र हर शय में इंतिशार है, मंज़ूम कुछ नहीं Share on: