हर्फ़ों के मिले जोड़ बढ़ा हुस्न रक़म का By Sher << हुब्ब-ए-दुनिया उल्फ़त-ए-ज... गुंग हैं जिन को ख़मोशी का... >> हर्फ़ों के मिले जोड़ बढ़ा हुस्न रक़म का हर लफ़्ज़ के पैवंद में बख़िया है क़लम का Share on: