हरगिज़ रहा न काफ़िर ओ मोमिन से उस को काम By Sher << मैं क्यूँ करूँ किसी को मक... पहन कर जामा बसंती जो वो न... >> हरगिज़ रहा न काफ़िर ओ मोमिन से उस को काम दिल ने किया क़ुबूल जब इस्लाम हुस्न का Share on: