दावा-ए-आशिक़ी है तो 'हसरत' करो निबाह By Sher << देखा किए वो मस्त निगाहों ... चुपके चुपके रात दिन आँसू ... >> दावा-ए-आशिक़ी है तो 'हसरत' करो निबाह ये क्या के इब्तिदा ही में घबरा के रह गए Share on: