'हसरत' की भी क़ुबूल हो मथुरा में हाज़िरी By Sher << हम क्या करें अगर न तिरी आ... 'हसरत' जो सुन रहे... >> 'हसरत' की भी क़ुबूल हो मथुरा में हाज़िरी सुनते हैं आशिक़ों पे तुम्हारा करम है आज Share on: