सभी कुछ हो चुका उन का हमारा क्या रहा 'हसरत' By Sher << शाम हो या कि सहर याद उन्ह... रौशन जमाल-ए-यार से है अंज... >> सभी कुछ हो चुका उन का हमारा क्या रहा 'हसरत' न दीं अपना न दिल अपना न जाँ अपनी न तन अपना Share on: