हाथ दुनिया का भी है दिल की ख़राबी में बहुत By Sher << तेरी पहचान के लाखों अंदाज... उल्फ़त के बदले उन से मिला... >> हाथ दुनिया का भी है दिल की ख़राबी में बहुत फिर भी ऐ दोस्त तिरी एक नज़र से कम है Share on: