हाथ मेरे भूल बैठे दस्तकें देने का फ़न By Sher << जवाब आए न आए सवाल उठा तो ... क़हर है थोड़ी सी भी ग़फ़ल... >> हाथ मेरे भूल बैठे दस्तकें देने का फ़न बंद मुझ पर जब से उस के घर का दरवाज़ा हुआ Share on: