जन्नत की ने'मतों का मज़ा वाइ'ज़ों को हो By Sher << जवाँ रखती है मय देखे अजब ... हम 'मेहर' मोहब्बत... >> जन्नत की ने'मतों का मज़ा वाइ'ज़ों को हो हम तो हैं महव लज़्ज़त-ए-बोस-ओ-कनार में Share on: