हवस न जान तुझे छू के देखना ये है By Sher << याद में तेरी जहाँ को भूलत... तौक़ीर अँधेरों की बढ़ा दी... >> हवस न जान तुझे छू के देखना ये है तुझे ही देख रहे हैं कि ख़्वाब देखते हैं Share on: