हवस-गिरफ़्ता हवाओ निगाहें नीची रखो By Sher << मुद्दत के ब'अद आज मैं... सुब्ह को खुल जाएगा दोनों ... >> हवस-गिरफ़्ता हवाओ निगाहें नीची रखो शजर खड़े हैं सड़क के क़रीन बे-पर्दा Share on: