हवा के फूल महकने लगे मुझे पा कर By Sher << 'असग़र' ग़ज़ल में... चले आया करो मेरी तरफ़ भी! >> हवा के फूल महकने लगे मुझे पा कर मैं पहली बार हँसा ज़ख़्म को छुपाए हुए Share on: