हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी By Sher << सुना हाल-ए-दिल-ए-'मजर... एक वारिस हमेशा होता है >> हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी ख़ुदा करे कि जवानी तिरी रहे बे-दाग़ Share on: