हज़ार आरज़ू हो तुम यक़ीं हो तुम गुमाँ हो तुम By Sher << होश-ओ-ख़िरद में आग लगा दी... हमारे ख़ौफ़ की ख़ल्लाक़िय... >> हज़ार आरज़ू हो तुम यक़ीं हो तुम गुमाँ हो तुम क़फ़स-नसीब रूह की उमीद-ए-आशियाँ हो तुम Share on: