हज़ार कोस निगाहों से दिल की मंज़िल तक By Sher << होंटों पे कभी उन के मिरा ... हाथ काँटों से कर लिए ज़ख़... >> हज़ार कोस निगाहों से दिल की मंज़िल तक कोई क़रीब से देखे तो हम को पहचाने Share on: