हिज्र का दिन क्यूँ चढ़ने पाए By Sher << दर्द हो दुख हो तो दवा कीज... हर एक रंज उसी बाब में किय... >> हिज्र का दिन क्यूँ चढ़ने पाए वस्ल की शब तूलानी कर दो Share on: