हिज्र के दिन तो हुए ख़त्म बड़ी धूम के साथ By Sher << जो एक दम में तमाम रूहों क... इक बर्फ़ सी जमी रहे दीवार... >> हिज्र के दिन तो हुए ख़त्म बड़ी धूम के साथ वस्ल की रात है क्यूँ मर्सिया-ख़्वानी करें हम Share on: