हिज्र में भी हम एक दूसरे के By Sher << इश्क़ फ़रमा लिया तो सोचता... हिज्र को बीच में नहीं छोड... >> हिज्र में भी हम एक दूसरे के आमने सामने पड़े हुए थे Share on: