हिज्र में उस बुत-ए-काफ़िर के तड़पते हैं पड़े By Sher << तोहमत-ए-जुर्म-ओ-ख़ता हिर्... रुस्वा करेगी देख के दुनिय... >> हिज्र में उस बुत-ए-काफ़िर के तड़पते हैं पड़े अहल-ए-ज़ुन्नार कहीं साहब-ए-इस्लाम कहीं Share on: