हिज्र-ए-जानाँ में जी से जाना है By Sher << ख़फ़ा हैं फिर भी आ कर छेड... सुकून-ए-दिल के लिए इश्क़ ... >> हिज्र-ए-जानाँ में जी से जाना है बस यही मौत का बहाना है Share on: