हिना का रंग ये हरगिज़ नहीं है सच बता ज़ालिम By Sher << मैं समझता हूँ कि है जन्नत... हसरत पे उस मुसाफ़िर-ए-बे-... >> हिना का रंग ये हरगिज़ नहीं है सच बता ज़ालिम ये किस का फूल सा दिल तू ने पाँव से मसल डाला Share on: