हो रिहाई ज़ोफ़ के तासीर से By Sher << हुई गर सुल्ह भी तो भी रही... हिज्र में इक माह के आँसू ... >> हो रिहाई ज़ोफ़ के तासीर से निकलें हम मिस्ल-ए-सदा ज़ंजीर से Share on: