होशियारी दिल-ए-नादान बहुत करता है By Sher << ऐसा कहाँ बहार में रंगीनिय... रौशन चेहरा भीगी ज़ुल्फ़ें... >> होशियारी दिल-ए-नादान बहुत करता है रंज कम सहता है एलान बहुत करता है Share on: