होती कहाँ है दिल से जुदा दिल की आरज़ू By Sher << ये अब्र है या फ़ील-ए-सियह-... डाल कर ग़ुंचों की मुँदरी ... >> होती कहाँ है दिल से जुदा दिल की आरज़ू जाता कहाँ है शम्अ को परवाना छोड़ कर Share on: