हुआ मैं रिंद-मशरब ख़ाक मर कर इस तमन्ना में By Sher << हम तो न घर में आप के दम-भ... होंठों में दाब कर जो गिलौ... >> हुआ मैं रिंद-मशरब ख़ाक मर कर इस तमन्ना में नमाज़ आख़िर पड़ेंगे वो किसी दिन तो तयम्मुम से Share on: