हुआ यक़ीं कि ज़मीं पर है आज चाँद-गहन By Sher << किसी मग़रूर के आगे हमारा ... सुनती रही मैं सब के दुख ख... >> हुआ यक़ीं कि ज़मीं पर है आज चाँद-गहन वो माह चेहरे पे जब डाल कर नक़ाब आया Share on: