हम चटानें हैं कोई रेत के साहिल तो नहीं By Sher << हालात-ए-ख़ूँ-आशाम से ग़ाफ... जान कर चुप हैं वगरना हम भ... >> हम चटानें हैं कोई रेत के साहिल तो नहीं शौक़ से शहर-पनाहों में लगा दो हम को Share on: