हम हैं सूखे हुए तालाब पे बैठे हुए हंस By Sher << गर शैख़ अज़्म-ए-मंज़िल-ए-... इस तिश्ना-लबी पर मुझे एज़... >> हम हैं सूखे हुए तालाब पे बैठे हुए हंस जो तअल्लुक़ को निभाते हुए मर जाते हैं Share on: