हम हक़ीक़त हैं तो तस्लीम न करने का सबब By Sher << इन दरख़्तों से भी नाता जो... जैसे दो मुल्कों को इक सरह... >> हम हक़ीक़त हैं तो तस्लीम न करने का सबब हाँ अगर हर्फ़-ए-ग़लत हैं तो मिटा दो हम को Share on: