हम ने उस के लब ओ रुख़्सार को छू कर देखा By Sher << ऐ सुब्ह मैं अब कहाँ रहा ह... यही नहीं कि किसी याद ने म... >> हम ने उस के लब ओ रुख़्सार को छू कर देखा हौसले आग को गुलज़ार बना देते हैं Share on: