हम राज़-ए-दिल छुपाते मगर अपनी ज़िंदगी By Sher << काम जो उम्र-ए-रवाँ का है ... वो ख़्वाब जिस पे तीरा-शबी... >> हम राज़-ए-दिल छुपाते मगर अपनी ज़िंदगी पूरी खुली किताब अगर हो तो क्या करें Share on: