हम तो समझे थे कि इक ज़ख़्म है भर जाएगा By Sher << कहाँ के नाम ओ नसब इल्म क्... रूदाद-ए-चमन सुनता हूँ इस ... >> हम तो समझे थे कि इक ज़ख़्म है भर जाएगा क्या ख़बर थी कि रग-ए-जाँ में उतर जाएगा Share on: