हम वो सहरा के मुसाफ़िर हैं अभी तक जिन की By Sher << बे-ख़बर फूल को भी खींच के... दुनिया तेरे नाम से मुझ को... >> हम वो सहरा के मुसाफ़िर हैं अभी तक जिन की प्यास बुझती है सराबों की कहानी सुन कर Share on: