हुस्न के जल्वे नहीं मुहताज-ए-चश्म-ए-आरज़ू By Sher << इश्क़ करता है तो फिर इश्क... हम ने भी की थीं कोशिशें ह... >> हुस्न के जल्वे नहीं मुहताज-ए-चश्म-ए-आरज़ू शम्अ जलती है इजाज़त ले के परवाने से क्या Share on: