हुस्न-ए-बे-परवा को ख़ुद-बीन ओ ख़ुद-आरा कर दिया By Sher << इल्तिफ़ात-ए-यार था इक ख़्... हम क्या करें अगर न तिरी आ... >> हुस्न-ए-बे-परवा को ख़ुद-बीन ओ ख़ुद-आरा कर दिया क्या किया मैं ने कि इज़हार-ए-तमन्ना कर दिया Share on: