इज़हार-ए-ख़मोशी में है सौ तरह की फ़रियाद By Sher << जान-ओ-दिल हैं उदास से मेर... इतने आँसू तो न थे दीदा-ए-... >> इज़हार-ए-ख़मोशी में है सौ तरह की फ़रियाद ज़ाहिर का ये पर्दा है कि मैं कुछ नहीं कहता Share on: