इक प्यास भरे दिल पर न हुई तासीर तुम्हारी नज़रों की By Sher << बुतान-ए-शहर को ये ए'त... उसी की बात लिखी चाहे कम ल... >> इक प्यास भरे दिल पर न हुई तासीर तुम्हारी नज़रों की इक मोम के बे-बस टुकड़े पर ये नाज़ुक ख़ंजर टूट गए Share on: