इक रात चाँदनी मिरे बिस्तर पे आई थी By Sher << दर्द-ए-दिल की उन्हें ख़बर... आ गया ध्यान में मज़मूँ ति... >> इक रात चाँदनी मिरे बिस्तर पे आई थी मैं ने तराश कर तिरा चेहरा बना दिया Share on: