इख़्तिलात अपने अनासिर में नहीं By Sher << ये दुनिया-दारी और इरफ़ान ... ख़ुश-हाल घर शरीफ़ तबीअत स... >> इख़्तिलात अपने अनासिर में नहीं जो है मेरे जिस्म में बेगाना है Share on: