ईमान की तो ये है कि ईमान अब कहाँ By Sher << इस अदा से वो जफ़ा करते है... इलाही क्यूँ नहीं उठती क़य... >> ईमान की तो ये है कि ईमान अब कहाँ काफ़िर बना गई तिरी काफ़िर-नज़र मुझे Share on: