ईमान बेचने पे हैं अब सब तुले हुए By Sher << लगावट बहुत है तिरी आँख मे... हादसे अपने तरीक़ों से गुज... >> ईमान बेचने पे हैं अब सब तुले हुए लेकिन ख़रीदो हो जो अलीगढ़ के भाव से Share on: