इन दूरियों ने और बढ़ा दी हैं क़ुर्बतें By सोशल डिस्टेन्सिंग शायरी, Sher << किस से पूछें रात-भर अपने ... मैं ने माना आप ने सब कुछ ... >> इन दूरियों ने और बढ़ा दी हैं क़ुर्बतें सब फ़ासले वबा की तवालत से मिट गए Share on: