इनायत की करम की लुत्फ़ की आख़िर कोई हद है By Sher << मुद्दत हुई इक शख़्स ने दि... हस्तियाँ नीस्तियाँ याँ भी... >> इनायत की करम की लुत्फ़ की आख़िर कोई हद है कोई करता रहेगा चारा-ए-ज़ख़्म-ए-जिगर कब तक Share on: